भ्रष्टाचार....तीन महीने भी नहीं चल पा रही निगम की कांक्रीट सड़कें
एक तरफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं तो वहीं, उन्हीं की नगर सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। शहर में नगर निगम द्वारा तीन महीने पहले बनाई गई कांक्रीट की सड़कें दम तोड़ रही हैं। मरम्मत होने के बाद भी भ्रष्टाचार सड
भोपाल। शहर के खानूगांव, शहीद नगर, नारियल खेड़ा जैसे इलाकों में 20 साल चलने वाली सड़कें तीन महीने में कहीं से टूट रहीं हैं तो कहीं उधडऩा शुरू हो गई हैं। उक्त मामले को लेकर जब मुख्य अभियंता पीके जैन से सच एक्सप्रेस के संवाददाता ने बात की तो उन्हें इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच के मौखिक आदेश देने की बात कही। लेकिन मामला संज्ञान में आने बाद भी नगर निगम के उत्तर विधानसभा के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर एनके डहरिया ने बताया कि हमने ठेकेदार को नोटिस जारी कर दोबारा सड़क निर्माण के लिए कहा है, लेकिन सड़क बनाने तो दूर रोड बनाने वाले ठेकेदार ने सड़क को पानी से धोकर पूरे मामले पर लीपा-पोती कर दी। वहीं, जब इस मामले में दोबारा पीके जैन से पूछा गया तो उन्होंने इस गड़़बड़ी पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
छह महीने पहले बनी सड़कों का हाल
सड़क | खानू गांव चौराहा से मसूद कॉलेज तक |
कब बनी | 6 महीने पहले |
लागत | 30 लाख रुपए |
मरम्मत | एक बार |
अब स्थिति | कई जगह से उखड़ी |
सड़क | एलबीएस हॉस्पिटल से रॉयल मार्केट |
कब बनी | 6 महीने पहले |
लागत | 20 लाख रुपए |
मरम्मत | दो बार |
अब स्थिति | बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील |
सड़क | छुट्टन बीबी की मस्जिद से काली बस्ती तक |
कब बनी | 6 महीने पहले |
लागत | 29 लाख रुपए |
मरम्मत | 2 बार |
अब स्थिति | पूरी तरह से खराब |
सड़क | नादरा बस स्टैंड से दवा बाजार रोड |
कब बनी | 6 महीने पहले |
लागत | 25 लाख रुपए |
मरम्मत | 2 बार |
अब स्थिति | पूरी तरह खराब |
जानिए अधिकार लिजिए एक्शन
सड़क में गड्ढों से यदि किसी व्यक्ति को चोंट पहुंचती है या शारीरिक नुकसान या फिर जान जाती है तो निर्माण एजेंसीअ और ठेकेदार पर जुर्माना व क्षतिपूर्ति का प्रावधान है। अधिवक्ता विकास कुमार जैन के अनुसार सार्वजनिक स्थान पर ऐसा कोई अवरोध हो जिससे कि चोट लगे तो आईपीसी की धारा 283 के तहत 200 रुपए का जुर्माना भी किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में नगर निगम इसके लिए जिम्मेदार होगी। दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 133 के तहत कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर की जा सकती है। यदि स?कों में गड्ढों से चोट लगती है या किसी की जान जाती है तो घातक दुर्घटना अधिनियम की धारा 3 कहती है कि दुर्घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोर्ट में क्लेम दायर किया जा सकता है।
जिम्मेदार कौन?
- क्षेत्रीय सांसद
- क्षेत्रीय विधायक
- महापौर
- क्षेत्रीय पार्षद