भोपाल। आजादी के बाद देश-प्रदेश में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन इन सरकारों ने जनजातीय समाज की उपेक्षा की। जनजातीय समाज के लिए काम करने की बजाय कांग्रेस इनके हितों की अनदेखी करती रही और इसीलिए देश-प्रदेश की जनता ने उसे नकार दिया है। मध्यप्रदेश में चुनाव हैं और कांग्रेस पार्टी एक बार फिर जनजातीय समाज के लोगों को भ्रमित करने में जुट गई है। कांग्रेस पार्टी ने अपने वचन पत्र में उन बातों को भी शामिल कर लिया है, जिन्हें भाजपा की सरकार पहले ही लागू कर चुकी है। यह बात केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को प्रदेश मीडिया सेंटर में पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए कही। 

कांग्रेस को जनजातीय समाज ने नकारा

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस की सरकारों ने देश, देशवासियों और जनजातीय समाज के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने जनजातीय समाज को उपेक्षित रखा। कांग्रेस पार्टी सत्ता में बने रहने की हथकंडेबाजी करती रही। श्री मुंडा ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी हितों की अनदेखी की और उनके नैसर्गिक जीवन पर लगातार प्रहार किए। कांग्रेस पार्टी ने जो वादे जनजातीय समाज से किए, उन्हें पूरा नहीं किया। जो नीतियां बनाई लागू नहीं की। जनजातीय आबादी के अनुसार जो उप योजनाएं बनीं, उनका अनुसरण नहीं किया। कांग्रेस की सरकारों ने न शिक्षा और स्वास्थ्य की चिंता की, न आवागमन और सिंचाई जैसी सुविधाओं पर फोकस किया। यही वजह रही कि कांग्रेस के शासनकाल में जनजातीय समाज के लोगों का सबसे ज्यादा विस्थापन और पलायन हुआ। श्री मुंडा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जनजातीय हितों को नजरअंदाज किया, इसलिए देश और प्रदेश के जनजातीय समाज ने, जनता ने उसे नकार दिया है। 

जो काम हो चुके, उनके लिए वचन पत्र में वादे कर रही कांग्रेस

केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि भाजपा की सरकारों ने जो काम जनता के हित में, जनजातीय समाज की भलाई के लिए किए हैं, उनसे कांग्रेस घबराई हुई है और यही बात उसके वचन पत्र से भी स्पष्ट होती है। उन्होंने कहा कि गत वर्ष 15 नवंबर को शहडोल में आयेजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी ने पेसा एक्ट के अंतर्गत प्रबंधन के दायित्व पंचायतों और ग्राम सभाओं को देने की शुरुआत कर दी थी। लेकिन कांग्रेस इसके लिए अपने वचन पत्र में वादा कर रही है। श्री मुंडा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में जनजातीय अधिकारों के लिए कानून बनाने की बात की है, जबकि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटलबिहारी वाजपेयी जी की सरकार अलग से जनजातीय कार्य मंत्रालय और संवैधानिक तौर पर अलग आयोग बनाने का काम पहले ही कर चुकी है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार जनजातीय बहुल क्षेत्रों में डॉ. भीमराव अंबेडकर और वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर खेल परिसर बनाने का काम कर रही है और कांग्रेस अपने वचन पत्र में इनके लिए भी वादे कर रही है। 

जनजातीय समाज को हमेशा छलती रही है कांग्रेस

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक कांग्रेस जनजातीय समाज को वोट बैंक समझकर छलती रही है। कांग्रेस की गतिविधियां कुछ परिवार या क्षेत्रों तक ही सीमित रही, उनका लाभ समग्र जनजातीय समाज को कभी नहीं मिला। मध्यप्रदेश में 41 साल तक कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन कभी भी उसने दलित, आदिवासी समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया, बल्कि इसके लिए राजपरिवारों के सदस्यों, धन्ना सेठों और गांधी परिवार के दरबारियों को ही चुना जाता रहा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ की 15 महीनों की सरकार ने बैगा, भारिया और सहरिया भाइयों के लिए शुरू की गई योजनाएं बंद करके उन्हें मिल रही सुविधाओं से वंचित कर दिया था। कांग्रेस की सरकारों ने दलितों, आदिवासियों के लिए केंद्र से मिलने वाले फंड को कभी भी पूरी तरह उपयोग नहीं किया। श्री मुंडा ने कहा कि मि. बंटाढार दिग्विजय सिंह के शासन में तो आदिवासियों के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हुई थी और 2002 में तो इन अपराधों में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस आदिवासी युवाओं को नौकरी देने की बात कर रही है, लेकिन दिग्विजय सिंह की सरकार ने दस सालों तक एमपीपीएससी पर रोक लगा रखी थी। प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार आने के बाद  न सिर्फ बैकलॉग पद भरे गए, बल्कि पढ़ी लिखी आदिवासी बेटियों को पुलिस व अन्य विभागों में अधिक आरक्षण दिया। श्री मुंडा ने कहा कि कांग्रेस पेसा एक्ट के नाम पर सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंकती रही है, जबकि यह एक्ट लागू करके जनजातीय वर्ग को जल, जंगल और जमीन का हक देने का काम भाजपा की सरकार ने किया है।   

जनजातीय समाज और क्षेत्रों का विकास कर रही भाजपा सरकार

केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि 2014 में देश की जनता ने अभूतपूर्व समर्थन देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनाई और मुझे यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर लगातार जनजातीय समाज के हित में काम कर रही है, नीतियों को लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय 2003 में जनजातीय कार्य विभाग का बजट 746.6 करोड़ रुपये था, जिसे 2022-23 तक मोदी सरकार ने बढ़ाकर 10813 करोड़ कर दिया है। इस हिसाब से बजट में 1348 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र में 10 वर्ष तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी, जिसने देश भर में आदिवासी कल्याण के लिए मात्र 29,000 करोड़ रुपये दिए थे। लेकिन मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आदिवासी कल्याण पर 1,32,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य मूलभूत आवश्यकताएं हैं, जिनके लिए भाजपा की सरकारों ने विशेष प्रयास किए हैं। भाजपा की सरकार ने प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में 63 आवासीय विद्यालय खोले हैं, जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने 95 सीएम राइज स्कूल खोले हैं। कांग्रेस के समय में सिर्फ 03 कन्या शिक्षा परिसर थे, जिन्हें भाजपा की सरकार ने 84 तक पहुंचा दिया है। कांग्रेस के समय में 725 आश्रम थे, जिन्हें भाजपा की सरकार ने 1083 तक बढ़ा दिया है। कांग्रेस के समय में खेल परिसरों की संख्या महज 14 थी, जिन्हें भाजपा की सरकार ने 26 तक पहुंचा दिया है। आज प्रदेश के आश्रमों, छात्रावासों, विद्यालयों, एकलव्य शालाओं, कन्या शिक्षा परिसर एवं क्रीड़ा परिसरों में लगभग 24 लाख जनजातीय विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। श्री मुंडा ने कहा कि हमारी भाजपा सरकार ने बैगा, सहरिया, भारिया परिवारों के लिए आहार अनुदान योजना फिर शुरू कर दी है, जिससे हर महीने 2 लाख 30 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।