कांग्रेस सरकार आई तो पटवारी भर्ती परीक्षा मामले में शिवराज की होगी जांच
खबर इंडिया डेस्क.भोपाल।। कांग्रेस के मध्यप्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'कांग्रेस की सरकार आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भूमिका की जांच कराएंगे।' उन्होंने कहा, '15 मार्च से पटवारी भर्ती परीक्षा शुरू हुई, जो 25 अप्रैल तक चली। पुलिस ने 4 अप्रैल को सॉल्वर्स के फर्जीवाड़े को पकड़कर FIR दर्ज कर ली थी। शिवराज सरकार चाहती तो इस फर्जीवाडे़ को रोका जा सकता था। मुख्यमंत्री और भाजपा सरकार के संरक्षण में यह घोटाला होने दिया गया।'
शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरजेवाला ने कहा, '2004 में भाजपा की सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश के युवाओं के भविष्य की बोली लगानी शुरू कर दी थी, जो आज तक भी जारी है। चाहे वो व्यापमं घोटाला हो, डीमैट घोटाला हो, शिक्षक भर्ती घोटाला हो, नर्सिंग घोटाला हो या पटवारी भर्ती घोटाला। भाजपा ने प्रदेश के करोड़ों युवाओं के भविष्य को घोटालों की भेंट चढ़ा दिया।
व्यवसायिक परीक्षा मंडल का पहला फर्जीवाड़ा खंडवा में 12 जून 2004 को सामने आया था। 2006 में छतरपुर, 2009 में एमपी नगर भोपाल, 2011 में इंदौर, 2013 में निशातपुरा, भोपाल थाने में केस दर्ज किए गए। 2004 से ही भाजपा की सरकार के संरक्षण में व्यवसायिक परीक्षा मंडल में घोटाले किए जा रहे थे। 23 प्रकार की भर्ती प्रवेश परीक्षाओं में 1 करोड़ युवाओं का भविष्य बेच दिया गया।
डीमैट घोटाले में 1.50 करोड़ रुपए में बेची गईं सीटें
सुरजेवाला ने कहा कि व्यापमं के साथ ही डीमैट घोटाला भी सामने आया। इसमें डेंटल और मेडिकल टेस्ट के नाम पर 6 निजी मेडिकल और 16 निजी डेंटल कॉलेजों की सारी सीटें 50 लाख रु. से लेकर 1.50 करोड़ रु. में बेच दी गईं। सुप्रीम कोर्ट में हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि डीमैट घोटाला व्यापमं से भी बड़ा घोटाला है, हम इसकी जांच भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, 'मध्यप्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों का घोटाला इतना व्यापक और बड़ा है कि जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मप्र में 695 नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें 3 साल से परीक्षाएं स्थगित हैं। 1.50 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में डाल दिया गया है। उच्च न्यायालय को यह तक कहना पड़ा कि हैरत है कि नर्सिंग का एन न जानने वालों को भी परीक्षा की इजाजत दी गई। प्रदेश में चल रहे फर्जी कॉलेज समाज में जहर घोल रहे हैं। कई ऐसे नर्सिंग कॉलेजों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है।'