भोपाल। भाजपा प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत द्वारा मतदाताओं को 25 लाख रुपये रिश्वत देने के बयान पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने चुनाव आयोग से चुनाव लड़ने पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है। श्री मिश्रा ने कहा कि 
मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के मंत्री और सुरखी विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत की गई थी। शिकायत में वीडियो साक्ष्य उपलब्ध कराते हुए बताया गया था कि चुनाव प्रचार के दौरान श्री गोविंद राजपूत ने मतदाताओं को 25 लाख रुपये रिश्वत देने का वादा किया था। विदित हो कि राजपूत ने एक बयान में कहा है कि उन्होंने यह बयान आचार संहिता लागू होने से पहले दिया था। हमारा यह स्पष्ट आरोप है कि गोविंद सिंह राजपूत झूठ बोल रहें हैं। उन्होंनें सागर जिले के राहतगढ़ थाने के हिरणखेड़ा गांव में 19 अक्टूबर 2023 को शाम 6 बजे के करीब यह भाषण दिया था। लीलाधर पटेल कुर्मी परासिया नामक फेसबुक अकाउंट से उस समय यह भाषण लाइव टेलीकास्ट किया गया था। उस लाइव के वीडियोग्रेब अभी भी उपलब्ध हैं। हालांकि, संबंधित यूजर ने वह पोस्ट डीलिट कर दिया है। माननीय, निर्वाचन आयोग अगर इस फेसबुक अकाउंट की फोरेंसिक जांच कराये तो सच्चाई प्रमाणित हो जाएगी।
         इसके साथ ही उक्त मामला दर्ज कर पुलिस को स्थानीय निवासियों से पूछताछ का करने के आदेश दिये जायें, जिससे पता चले कि 19 अक्टूबर 2023 की शाम 6 बजे गोविंद सिंह राजपूत ने उपरोक्त गांव में यह भाषण दिया था या नहीं? इसके अलावा, राजपूत ने अपने बयान में यह स्वीकार किया है कि उन्होंने 25 लाख रुपए देने की बात कही है। मैं माननीय निर्वाचन आयोग के संज्ञान में यह बात लाना चाहता हूं कि विधायक निधि के उपयोग में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जहां सबसे ज्यादा वोट डलवाने पर 25 लाख रुपये देने का नियम हो। यह न सिर्फ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है, बल्कि विधायक की शपथ का भी खुला उल्लंघन और दंडनीय अपराध है।
       कांग्रेस पार्टी माननीय निर्वाचन आयोग से आग्रह करती है कि गोविंद सिंह राजपूत की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाये, उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगाई जाये और उन्हें चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया जाए। 
श्री मिश्रा ने निर्वाचन आयोग को यह भी सूचित करते हुए कहा कि गोविंद सिंह राजपूत आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति हैं, उन पर एक व्यक्ति की जमीन हड़पने और संबंधित व्यक्ति को गायब करवाने का संगीन आरोप भी है और उक्त मामला माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। इसके अलावा राहतगढ़ थाने में भी गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज हैं। मैं यह भी सूचित करना चाहता हूं कि माननीय निर्वाचन अधिकारी के पास 27 अक्टूबर 2023 को शिकायत दर्ज करवाई गई है कि राहतगढ़ थाने के थाना प्रभारी और वहां के अनुविभागीय अधिकारी आदि राजपूत के रिश्तेदार हैं और उनके प्रभाव में आकर काम कर रहें हैं। इन परिस्थितियों को देखते हुये किसी अन्य जिले के अधिकारियों से इस घटना की अविलंब जांच कराकर न्यायपूर्ण कार्रवाही की जाए, ताकि सुरखी विधानसभा में स्वस्थ और निष्पक्ष चुनाव संपन्न हो सके।