काशी का डंका पूरी दुनिया में बजे : प्रधानमंत्री मोदी
खबर इंडिया डेस्क.लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी के लोगों को वहां का ‘ब्रांड एंबेसडर बताते हुए शनिवार को कहा कि काशी का डंका पूरी दुनिया में बजना चाहिए। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राज्य के 16 अटल आवासीय विद्यालयों का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव 2023 के समापन समारोह को भी संबोधित किया और इस समारोह में भाग लेने वालों को पुरस्कृत किया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘काशी के बारे में यहां के लोग ही अच्छी तरह से जानते हैं। यहां का हर व्यक्ति, हर परिवार काशी का ब्रांड एंबेसडर है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी हैं कि सभी लोग काशी के बारे में अपनी पहचान को अच्छे से सभी के सामने रख पाएं।’’ उन्होंने कहा, कोई भी पर्यटन स्थल हो, यात्रा धाम हो, वहां उत्तम गाइड का होना बहुत जरूरी है।
वह प्रतिभावान होना चाहिए, उसके पास संपूर्ण जानकारी हो। यही ताकत काशी में होनी चाहिए, आजकल पर्यटक गाइड एक बड़ा रोजगार बन रहा है। क्योंकि पर्यटक सब कुछ समझना चाहता है और इसके लिए वह कीमत भी चुकाने को तैयार रहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, इसलिए मैं यहां काशी सांसद टूरिस्ट गाइड प्रतियोगिता की आयोजित करने का प्रयास कर रहा हूं। आप गाइड बनकर आएं और लोगों को हर एक स्थल के बारे में जानकारी देकर इनाम पायें। इसके कारण लोगों को पता चलेगा कि इस शहर में गाइड की एक संस्कृति बन रही है। मुझे यह काम इसलिए करना है कि क्योंकि मैं चाहता हूं कि मेरी काशी का डंका पूरी दुनिया में बजे। उन्होंने कहा, आज यहां काशी सांसद खेल प्रतियोगिता के पोर्टल की शुरुआत की गई है।
सांसद खेल प्रतियोगिता हो, सांसद सांस्कृतिक महोत्सव हो, काशी में नई परंपराओं की ये तो शुरुआत भर है। अब यहां काशी सांसद ज्ञान प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। कोशिश यही है कि काशी के इतिहास, यहां की समृद्ध विरासत, यहां के त्योहार, यहां के खान-पान के प्रति जागरुकता और बढ़े। सांसद ज्ञान प्रतियोगिता भी बनारस के शहरी और ग्रामीण इलाकों में अलग-अलग स्तर पर आयोजित की जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाबा की कृपा से काशी अब विकास के ऐसे आयाम गढ़ रही है, जो अभूतपूर्व हैं। आज ही मैंने बनारस में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया और उप्र के 16 अटल आवासीय विद्यालयों के लोकार्पण का अवसर भी मिला हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बाबा के आशीर्वाद से काशी का सम्मान आज नई-नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
जी-20 शिखर सम्मेलन के जरिए भारत ने पूरी दुनिया में अपना परचम लहराया, लेकिन उसमें काशी की चर्चा विशेष रही है। काशी की सेवा, काशी का स्वाद,काशी की संस्कृति और काशी का संगीत....जी-20 के दौरान जो-जो मेहमान काशी आया वह इसे अपनी यादों में समेट कर साथ ले गया। मैं मानता हूँ कि जी-20 की ये सफलता महादेव के आशीर्वाद से ही संभव हुई है।’’ उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब मैं यहां आया था, तो मैंने जिस काशी की कल्पना की थी, विकास और विरासत का वह सपना अब धीरे-धीरे साकार हो रहा है। उन्होंने कहा, दिल्ली में व्यस्तता के बीच भी मैं कुछ समय निकालकर काशी सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के वीडियो देख लेता था। मैंने अद्भुत संगीत और अद्भुत प्रस्तुतियों को देखा।
मुझे गर्व है कि सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के जरिए मुझे इस क्षेत्र की प्रतिभाओं से सीधा जुड़ने का अवसर मिला और अभी तो इस आयोजन का ये पहला साल है फिर भी करीब 40 हजार लोगों और कलाकारों ने हिस्सा लिया तथा लाखों दर्शक इसका आनंद लेने के लिए आए हैं। मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि बनारस के लोगों के प्रयास से आने वाले वर्षों में ये सांस्कृतिक महोत्सव काशी की एक अलग पहचान बनकर उभरेगा। इसका सामर्थ्य इतना होगा है कि हर कोई लिखेगा कि मैंने उस स्पर्धा में हिस्सा लिया था। इतना ही नहीं, दुनिया भी पूछेगी उसमें आप कितने नंबर लाए थे तो आ जाइये आपको साक्षात्कार की जरूरत नहीं।
उन्होंने कहा कि बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार इसका सर्वसमावेशी स्वभाव। देश और दुनिया के कोने कोने से आकर लोग यहां पढ़ाई करते हैं। मोदी ने कहा, हमारा बनारस सदियों से शिक्षा का भी एक बड़ा केंद्र रहा है। बनारस की शैक्षणिक सफलता का सबसे बड़ा आधार है इसका सर्वसमावेशी स्वभाव है। देश और दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां आकर पढ़ाई करते हैं। आज भी दुनिया के कितने ही देशों से लोग यहां संस्कृत सीखने आते हैं और ज्ञान लेने आते हैं। आज हमने इसी भावना को केंद्र में रखकर यहां से अटल आवासीय विद्यालयों का शुभारंभ किया। इनके निर्माण पर करीब 11 सौ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा, ये स्कूल इतने भव्य हमारे श्रमिकों के बेटे बेटियों के लिये हैं। इससे उनको अच्छी शिक्षा मिलेगी।
जिन लोगों की कोरोना में दु:खद मृत्यु हो गई, उनके बच्चों को भी इन आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क पढ़ाया जाएगा। मुझे बताया गया है कि इन स्कूलों संगीत, कला, कंप्यूटर, और खेल के लिए भी शिक्षक होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, केंद्र सरकार की ओर से हमने इसी तरह जनजातीय समाज के बच्चों के लिए एकलव्य आवासीय विद्यालय बनवाए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए हमने शिक्षा व्यवस्था की पुरानी सोच को भी बदला है। अब हमारे विद्यालय आधुनिक बन रहे हैं। भारत सरकार ने देश के हजारों विद्यालयों को आधुनिक बनाने के लिए पीएम-श्री अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत देश के हजारों विद्यालयों को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया जा रहा है।
गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, ये जो अटल आवासीय विद्यालय हैं, ये जो निर्माण श्रमिक के लिए हैं। एक गांव से दूसरे गांव जाने के कारण जिनकी पढ़ाई छूट जाती है।...आप देखिए कि राजनीतिक लाभ लेने का जिनका इरादा नहीं होता है, स्वार्थ भाव नहीं होता है, वे कैसे काम करते हैं और जिनके दिल-दिमाग में सिर्फ चुनाव ही रहता है, कैसे भी करके वोट बटोरने के खेल में लगे रहते हैं और पैसों को कैसे बर्बाद करते हैं... अगर आप जानकारी लेंगे तो पता चलेगा। इन विद्यालयों के निर्माण के लिए रुपये सभी राज्यों के पास हैं। लेकिन ज्यादातर राज्य वोट हासिल करने के लिए इन पैसों को खपा रहे हैं, जबकि योगी (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) काम करके दिखाया।
प्रधानमंत्री ने कहा, अभी मैं अटल आवासीय विद्यालय के कुछ बच्चों से मिलकर आया, जो श्रमिक परिवार से हैं। उन्होंने पक्का घर भी कभी देखा नहीं था। लेकिन इतने कम समय में जो आत्मविश्वास मैंने उनका देखा, मैं उनके सभी शिक्षकों को भी बधाई देता हूं। जिस आत्मविश्वास से वे बात कर रहे थे और जिस प्रकार से अपनी बातें बता रहे थे और आत्मविश्वास के साथ सवाल पूछ रहे थे। मुझे साफ दिख रहा है कि इन बच्चों में कुछ कर गुजरने का सामर्थ्य है। मुझे विश्वास है कि 10 साल के भीत इन विद्यालयों से उत्तर प्रदेश और काशी की आन-बान-शान निखरने वाली है।
अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण लगभग 1,115 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। प्रत्येक विद्यालय का निर्माण लगभग 10 से 15 एकड़ क्षेत्र में किया गया है।छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए यहां खेल के मैदान, मनोरंजन गतिविधियों के लिए क्षेत्र, एक सभागार, छात्रावास परिसर, मेस और कर्मचारियों के लिए आवासीय फ्लैट की सुविधा भी दी गई है। इन आवासीय विद्यालयों का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है।