आर्ट्स-कॉमर्स की जगह इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स बन रहे आईएएस
टेक्नोलॉजी के साथ अब आईएएस बनने की परिभाषा बदलती जा रही है। लंबे समय तक सिविल सेवा का यूपीएससी और एमपीपीएससी एग्जाम जो पहले व्यावसायिक पाठ्यक्रम और आर्ट्स-कॉमर्स के छात्र पास करते थे, अब उनकी जगह इंजीनियरिंग के छात्रों ने ले ली है। इंजीनियरिंग में 4 साल क
खबर इंडिया डेस्क। इंजीनियरिंग से निकले उम्मीदवार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह ट्रेंड 2008 के बाद से शुरू हुआ है। 2014 के बाद जब अर्थव्यवस्था पटरी पर आई। तब आट्र्स, कॉमर्स और व्यावसायिक पाठ्यक्रम की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स तेजी से इंजीनियरिंग में जाने लगे। इसके बाद एमपीपीएससी, यूपीएससी सहित सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में इंजीनियरिंग छात्रों के पास होने का ट्रेंड अभी भी जारी है।
2030 के बाद इंजीनियरिंग में आएगा डाउनफॉल
सिविल एग्जाम में इंजीनियरिंग के छात्रों के पास होने का ट्रेंड अगले 8 सालों तक ऐसा ही चलेगा। कोरोना काल में भारत की अर्थव्यवस्था नीचे आने की वजह से अब छात्रों का रुझान फिर से आर्ट्स, कॉमर्स और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की तरफ बढ़ता दिखाई देगा। सिविल इंजीनियरिंग और आईटी सेक्टर में बीते दो सालों में हजारों की संख्या में छंटनी का दौर युवाओं ने देखा है। इसलिए अब इंजीनियरिंग-आईटी में एडमिशन का पीक आ चुका है। हालांकि अभी 2030 तक इंजीनियरिंग में डाउनफॉल आने की संभावनाएं कम है।
प्रतिस्पर्धा का अनुभव
इंजीनियरिंग के अच्छे कॉलेजों में भी एंट्रेंस एग्जाम होते हैं। इसलिए विद्यार्थियों के लिए प्रतिस्पर्धा जैसे उनका होम ग्राउंड बन चुका है। वे इंजीनियरिंग में भी कॉम्पिटिटिव एग्जाम देकर ही पहुंचते हैं। इनमें से कई सारे जेईई और आईआईटी से निकले हुए होते हैं।
एनालिटिक्स पॉवर ज्यादा
इंजीनियरिंग के छात्रों में एनालिटिक्स पॉवर ज्यादा होती है। वे बाकी छात्रों से बेहतर ढंग से एनालिसिस कर पाते हैं। तकनीकी पृष्ठभूमि होने से इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स का नजरिया एकदम पिन-पॉइंटेड होता है। इसलिए वे परीक्षा की तैयारी को भी वैज्ञानिक तरीके से करते हैं। ज्यादा एक्यूरेट जवाब दे पाते हैं।
ह्यूमेनिटी से ऐच्छिक विषय लेने की सुविधा
ह्यूमेनिटी के विषय आईएएस की परीक्षा में अच्छे नंबर दिलवाते हैं। तकनीकी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में उम्मीदवार आईएएस की परीक्षा दे रहे हैं। अभी यही ट्रेंड बना हुआ है। आईएएस की मुख्य परीक्षा के लिए अगूमन इंजीनियरिंग के विद्यार्थी भी ह्यूमेनिटी से ही विषय चुनते हैं।
अगले दो साल जारी रहेगा यही ट्रेंड
बहुत बड़ी संख्या में इंजीनियर्स इन दिनों प्रशासनिक सेवा के बाद बैंकिंग क्षेत्र की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि यही ट्रेंड अगले कुछ सालों तक जारी रहेगा।
इंजीनियरिंग के बच्चे अच्छा प्रदर्शन कर रहे
पिछले दो सालों से एमपीपीएससी और यूपीएससी के एग्जाम में इंजीनियरिंग के बच्चे अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। आर्ट्स और कॉमर्स की तुलना में इंजीनियरिंग के बच्चों में एनालिसिस करने की क्षमता ज्यादा होती है। वे मैथ्स, रीजनिंग और साइंस से जुड़े प्रश्रों को बहुत आसानी से हल कर लेते हैं। जबकि आर्ट्स और कॉसर्म के बच्चे इन्हें आसानी से हल नहीं कर पाते।
स्वतंत्र देव चौहान, सिविल सेवा के एक्सपर्ट